सभी उपासनाओं मे दैवी उपासना श्रेष्ठ एवं शीघ्र फल देने वाली है यदि नवरात्रि मे शक्ति उपासना के कुछ नियमों का पालन कर लिया जाये तो आप अपने अन्दर अद्भुत शक्तियो का अहसास कर सकते है और दैवी कृपा का आशीर्वाद वर्षपर्यंत आप पर बना रह सकता है। आज हम आपको दैवी उपासना के कुछ तन्त्र शास्त्रोक्त नियम बताने जा रहे है जो केवल गुरु मुख से ही प्राप्त हो पाते है।
(1) शक्ति उपासना मे दो नवरात्रों का विशेष महत्व है एक चैत्र शुक्ल की नवरात्रि तथा दूसरी आश्विन शुक्ल की नवरात्रि। चैत्र नवरात्रि मे दिन मे की गई विधिवत पूजा का तथा आश्विन मे रात्रि मे की गई विधिवत पूजा का विशेष महत्व होता है ।
(2) नवरात्रि भर काम क्रोध पर अंकुश लगाकर सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
(3) देवी उपासना मे घट स्थापन व जौ रोपण का विशेष महत्व होता है यदि आपको शास्त्रोक्त विधि मालूम हो तो जरूर करे या किसी विद्वान पंडित से करा ले यदि संभव नहीं है तो ना करे दैवी उपासना मे कोई भी दोषपूर्ण विधि सिद्धि मे बाधक हो सकती है चूंकि देवी मातृ स्वरुपा है अतः आपके मात्र न्यून उपचार भी उन्हें प्रसन्न कर देते है किन्तु अज्ञानता वश किये गये आडम्बर हानिकारक हो सकते है।
(4) दैवी उपासना मे शरीर की शुद्धि तथा पंचोपचार पूजा का होना आवश्यक है। पंचोपचार मे अक्षतचंदन,पुष्प,धूप दीप,नैवेद्य आते है आपके द्वारा अर्पित एक मीठा बताशा भी देवी को सन्तुष्ट कर सकता है।
(5) दैवी उपासना मे लाल रंग का विशेष महत्व है। देवी को लालचंदन, लाल पुष्प, लाल वस्त्र,लाल सिन्दूर अति प्रिय माना जाता है। केवल धूमावती पूजा मे इनका प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए, तथा बगलामुखी देवी को पीले रंग की वस्तुएं ज्यादा प्रिय मानी जाती है।
(6) देवी उपासना मे मन्त्र जाप हेतु केवल रुद्राक्ष या लालचंदन की माला का ही प्रयोग करना चाहिए, लक्ष्मी उपासको को कमलगट्टे की माला तथा बगला उपासको को हल्दी गांठ की माला का प्रयोग अवश्य करना चहिये किन्तु इसके अभाव मे रुद्राक्ष सर्वमान्य है।
(7) देवी उपासना मे अखण्ड दीपक देवी के सम्मुख, तिल तेल का दीपक दाये तरफ तथा घी का दीपक बांये तरफ स्थापित करना चाहिए।
(8) दैवी उपासना मे धूप सर्वदा बायी ओर या सम्मुख रखनी चाहिए।
(9) देवी उपासना मे पंचपाठ का विशेष महत्व है इसके अन्तर्गत कवच अर्गला कीलक,मन्त्र तथा स्तोत्र पाठ आते है।
(10) देवी उपासना मे सात्विक बलि का विशेष महत्व है पूजा की समाप्ति पर या अनुष्ठान के अन्त मे नारियल की बलि उपलब्धता के आधार पर जरूर प्रदान करनी चाहिए
(11) देवी उपासना आप अपने मतानुसार या कौल पन्थ के अनुसार चाहे जैसे करे किन्तु क्षमा अपराध स्तोत्र पाठ आखिरी मे करना कभी ना भूले।
आशा है यह लेख आपको दैवी कृपा प्राप्त करने मे सहायक होगा।नवरात्रि आपके लिए मंगलकारी हो। ओम नमः शिवाय।