माना जाता है कि प्रत्येक वार को एक निश्चित कालखंड मे राहू का वास होता है जिसमे सभी प्रकार के शुभ कार्य, यात्रा,विशेष वस्तु की खरीदारी, यज्ञादि का शुभारंभ नहीं करना चाहिए।
राहूकाल सदैव सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच वार के अनुसार अलग अलग समय पर पड़ता है जोकि दिनमान के आठवें भाग के बराबर होता है जो सामान्यतः 1:30 मिनट का होता है। सरल गणनानुसार यदि सूर्योदय 6 बजे प्रातः का मान ले तो प्रत्येक वार के लिये राहूकाल इस प्रकार होगा।
(1) रविवार को सांय 4:30 मिनट से 6:00 बजे तक।
(2) सोमवार को प्रातः 7:30 मिनट से 9:00 बजे तक।
(3) मंगलवार को दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक।
(4) बुधवार को दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक।
(5) गुरुवार को दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक।
(6) शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे से 12:00 बजे तक।
(7) शनिवार को सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक।
नोट:- राहूकाल का परित्याग विशेषकर रविवार, मंगलवार तथा शनिवार को अवश्य करना चाहिए।